
टीवीडेस्क. 'कौन बनेगा करोड़पति 11' के आखिरी कर्मवीर एपिसोड में समाज के मूल सुविधाओं से वंचित वर्ग के लिए काम करने वाले एनजीओ इनफोसिस की हेड पद्मश्री सुधा मूर्ति विशेष मेहमान के तौर पर पहुंचीं। शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने पैर छूकर उनका स्वागत किया। बिग बी द्वारा मिले इस सम्मान को देखकर एक बारगी सुधा हैरान रह गईं। फिर आशीर्वाद स्वरूप अपना हाथ उनकी पीठ पर रख दिया। शो का प्रोमो हाल ही मेंसामने आया है। शुक्रवार को यह एपिसोड टेलीकास्ट किया जाएगा।
60 पुस्तकालयों की स्थापना कर चुकीं हैं सुधा
बिग बी ने प्रोमो में सुधा का परिचय देते हुए कहा, "समाज में मूल सुविधाओं से वंचित अंडरप्रिविलेज लोगों के उत्थान, उनकी आत्मनिर्भरता और उनके कल्याण के लिए समर्पित एक साधारण जीवन बिताने वाली असाधारण समाजसेविका, जो एक शिक्षक हैं और जानी-मानी लेखिका भी हैं। इन्होंने इनफोसिस फाउंडेशन के जरिए 60 हजार पुस्तकालयों की स्थापना की है।"
हुबली की पहली महिला इंजीनियर
शूटिंग के दौरान सुधा ने बिग बी को बताया कि वे हुबली (कर्नाटक) से इंजीनियरिंग करने वाली पहली और 599 लड़कों के साथ पढ़ने वाली इकलौती लड़की थीं। उन्हें अपने कॅरिअर के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। वे कहती हैं, "1968 में मैंने इंजीनियरिंग करने का मन बनाया। मेरे पिता प्रोफेसर और मां शादी से पहले स्कूल टीचर थीं। मुझे विज्ञान में रुचि थी। इसलिए सोचा कि इंजीनियरिंग करनी चाहिए। लेकिन मेरी दादी इसके खिलाफ थीं। वे कहती थीं कि अगर तुमने यह किया तो हमें तुम्हारे लिए अपनी कम्युनिटी में अच्छा लड़का नहीं मिलेगा।"

सुधा ने आगे कहा, "मेरे पिता को लगता था कि मैं कंसल्टिंग डॉक्टर के रूप में अच्छा करूंगी, क्योंकि मेरा कम्युनिकेशन स्किल बहुत अच्छा था। लेकिन मां को लगता था कि मुझे गणितज्ञ होना चाहिए। सभी ने मेरी पढ़ाई को लेकर अपने-अपने विचार पेश किए। कुछ लोगों का मत था कि लड़की का इंजीनियरिंग करना समझ से परे है। कई तरह की बातें हुईं। लेकिन मैं मन बना चुकी थी।"
बकौल सुधा, "हर कोई मेरी इंजीनियरिंग के खिलाफ था और मेरे पास इसे छोड़ने के अलावा को रास्ता नहीं था। मैंने अपने आप से कहा कि मैं एडजस्ट कर लूंगी। मैं 2 किमी. पैदल चलकर सुबह 7 बजे कॉलेज पहुंच जाती थी और करीब 11 बजे कॉलेज ओवर होने के बाद फिर 2 किमी. वापस पैदल चलती थी और रेस्टरूम का इस्तेमाल करती थी।"

सुधा कहती हैं, "इन सालों में मुझे हकीकत में समझाया कि हाइजीनिक टॉयलेट की कितनी जरूरत है। क्योंकि एक महिला ही समझ सकती है कि टॉयलेट के बगैर उसे कितनी परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए जब मैं इनफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन बनी तो अलग-अलग प्रदेशों में 16000 टॉयलेट का निर्माण कराया।"
किताबों का प्रेम, निजी जीवन के प्रेम में बदला
प्रोमो में अमिताभ बच्चन ने बताया कि सुधा को हमेशा किताबों से काफी प्रेम रहा है और यही उनके निजी जिंदगी के प्रेम में बदल गया। उन्होंने इंडियन आईटी इंडस्ट्रियलिस्ट एन आर नारायण मूर्ति से शादी की, जिसे करीब 42 साल हो गए हैं। नारायण मूर्ति अब भी उन्हें गिफ्ट के रूप में बुक्स ही देते हैं। अपनी सफल शादी का राज बताते हुए सुधा ने कहा कि वे और उनके पति एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं। यही वजह है कि रिश्ता आज भी कायम है।


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source https://www.bhaskar.com/bollywood/tv/news/amitabh-bachchan-touches-sudha-murthys-feet-hearing-at-kbc-126159747.html
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